लेखनी कहानी -14-Apr-2024
#दिनांक:-14/4/2024
#शीर्षक:-बारम्बार प्रणाम।
चौदह अप्रैल का दिन विशेष,
प्रकट हुए दलितों के अशेष।
छुआछूत की दुर्गम राह,
पहचाना अन्तर्निहित निमेष।
हर मजहब से उठकर,
धर्म जातिवाद में तैरकर,
जो है महान संविधान,
रातदिन मेहनत से रचकर ।
भोग विलास को ठुकराने वाले,
जांति पर आवाज उठाने वाले।
विधिवेत्ता,अर्थशास्त्री,समाज-सुधारक ,
बुद्ध का अनुकरण जीवन में करने वाले ।
अपना खुद पथप्रदर्शक बन चलते रहे,
विरोधियों को प्रेम से चलना सिखाते रहे।
ऐसे कर्मठ कर्मवीर को शत शत नमन,
अनमोल दीपक देश में अनवरत जलते रहे।
दलित घर-आंगन की भीरु है शान,
विश्वस्तरीय भारतीय संसद का अभिमान।
अमर हुआ दलित समाज सुधारक एक नाम ,
भीमराव बाबा साहेब को बारम्बार प्रणाम ।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई
Mohammed urooj khan
17-Apr-2024 11:41 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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hema mohril
15-Apr-2024 08:26 PM
Fantastic
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Abhilasha Deshpande
14-Apr-2024 10:36 AM
v nice
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